चाणक्य कहते हैं कि एक अच्छा लीडर, एक आम व्यक्ति भी अपनी खूबियों से महानता प्राप्त करता है, न कि ऊंचे पद पर कब्जा हासिल करने से. जैसे भवन की छत पर बैठने से कौआ गरुड़ नहीं हो जाता. उसी प्रकार ऊंचे स्थान पर विराजमान और धनवान होने से व्यक्ति महान नहीं बनता.
अच्छा लीडर है गरुड़ के समान, जानें क्या है चाणक्य की इस बात का मतलब
